आप तो थे मेरी मॉ॑ के प्यारे पिता, अर्थात मेरे पूज्य नाना। आजीवन न भूलूॅ॑गा तुम्हें, भूलूं चाहे ईश्व... आप तो थे मेरी मॉ॑ के प्यारे पिता, अर्थात मेरे पूज्य नाना। आजीवन न भूलूॅ॑गा तुम्...
विश्वनाथ मंदिर है हृदय, और ये सँकरी गलियाँ, धमनियाँ और शिराएँ हैं, जो आकर मिलती हैं, सब ... विश्वनाथ मंदिर है हृदय, और ये सँकरी गलियाँ, धमनियाँ और शिराएँ हैं, जो आ...
बनने गिद्ध और चीलों का भोजन ! बनने गिद्ध और चीलों का भोजन !
आंखें तुम्हारी बोल रही हैं, एक अजब सी बोली। आंखें तुम्हारी बोल रही हैं, एक अजब सी बोली।
तब स्मृतियों की दरारों में उग आती है कविताएं तब स्मृतियों की दरारों में उग आती है कविताएं
जय माता दी करता जाऊँगा, माँ, मैं न घबराऊंगा जय माता दी करता जाऊँगा, माँ, मैं न घबराऊंगा